एपीएस न्यूज ब्यूरो रिपोर्ट
मितौली खीरी। मितौली क्षेत्र ग्राम सोनौरा में पांच दिवसीय शतचंडी महायज्ञ यज्ञ जिसमें प्रथम दिवस में जलयात्रा देवरी तीर्थ को प्रस्थान किया एवं यह कार्यक्रम कमल मिश्र जी के संरक्षण में आरंभ हुआ । वहीं इस कार्यक्रम का मंच संचालन पं.प्रेमसागर मिश्र जी द्वारा हो रहा है। परम विद्वान कथा व्यास यज्ञेश नंदन जी, पुरुषोत्तम जी राधेप्रिया इन्दु जी की अमृत मय वाणी से भगवत चर्चा की गई। धर्माचार्य जी पं.हेमन्त मिश्र शास्त्री जी ने प्रवचन देते हुए रामनाम जिसे सनातन धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्र बताया ।शास्त्री जी ने कहा यह केवल एक नाम नहीं, बल्कि भवसागर से पार उतारने वाला ‘तारक मंत्र’ है, जो मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। सभी पापों का नाश करता है, दुख हरता है और मोक्ष प्रदान करता है, जिससे शिव, हनुमान, शबरी, गणेश जैसे महान संतों और देवताओं ने भी इसका आश्रय लिया है और इसके प्रभाव से ही वे महानता को प्राप्त हुए हैं, खासकर कलयुग में यही एकमात्र साधन है। तारक मंत्र: ‘राम’ नाम ही एकमात्र ऐसा मंत्र है जो हमें जन्म-मृत्यु के चक्र (भवसागर) से पार उतारता है। इसके जप से सारे पाप जलकर भस्म हो जाते हैं और जीवन पवित्र बनता है।सच्चे मन से राम नाम जपने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, और यह किसी अन्य साधना से बढ़कर है। यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, मन को शांत करता है और रोम-रोम में प्रभु को बसा देता है, जिससे सुरक्षा का मंडल बनता है। शिवजी ने राम नाम का पान करके विष पिया, गणेश जी प्रथम पूज्य बने, शबरी ने राम का दर्शन पाया और हनुमान जी ने राम चरणों में स्थान पाया। कलयुग में पूजा, व्रत, यज्ञ कठिन हैं, ऐसे में राम नाम जपना ही सबसे सुलभ और प्रभावी उपाय है। तुलना से परे: गंगा, काशी, प्रयाग, नर्मदा जैसे तीर्थ स्थलों से भी बढ़कर राम नाम की महिमा है, जो किसी भी तीर्थ से कहीं अधिक फलदायी है। श्रीराम जय राम जय जय राम” जैसे मंत्रों का जप समर्थ रामदास और संत तुकाराम जैसे महापुरुषों ने श्रेष्ठ माना है।













